World AIDS Day: ड्रग्स और सुइयों से पंजाबी हो रहे एड्स का शिकार, महिलाएं भी इसकी चपेट में, आंकड़े चौंकाने वाले
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World AIDS Day: 1 दिसंबर को दुनियाभर में वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है, ताकि एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और इस जानलेवा बीमारी को लेकर लोगों को सही जानकारी दी जा सके। पंजाब सरकार भी एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन हालात बदतर होते जा रहे हैं। राज्य में एड्स के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, और इसका मुख्य कारण ड्रग्स का सेवन और सुइयों का साझा किया जाना है।
पंजाब में बढ़ते एड्स के मामले
पंजाब में पिछले पांच सालों में एड्स के मरीजों की संख्या में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में 38,424 एड्स मरीज थे, जो 2023-24 में बढ़कर 63,554 हो गए हैं। यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं और यह स्थिति गंभीर होती जा रही है। यही नहीं, इन आंकड़ों में महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है, जो कि एड्स से संक्रमित हो रही हैं।
ड्रग्स और सुइयों का साझा इस्तेमाल है मुख्य कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि पंजाब में एड्स के मामलों में इस वृद्धि का मुख्य कारण ड्रग्स का सेवन है। ड्रग्स की लत में कई लोग एक ही सुई का इस्तेमाल करते हैं, जिससे HIV का संक्रमण फैलता है। यह स्थिति बहुत खतरनाक है, क्योंकि संक्रमित सुइयों के जरिए एड्स फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, शराब और अन्य नशे की लत से भी यह संक्रमण फैल सकता है।
महिलाओं और ट्रांसजेंडरों के बीच एड्स का बढ़ता खतरा
पंजाब में एड्स का खतरा अब महिलाओं और ट्रांसजेंडरों के बीच भी बढ़ता जा रहा है। 2019-20 में 13,917 महिलाएं एड्स से संक्रमित पाई गई थीं, जो 2023-24 में बढ़कर 19,083 हो गई हैं। इसी तरह, ट्रांसजेंडरों के बीच भी एड्स का खतरा बढ़ा है। 2019-20 में 117 ट्रांसजेंडर HIV संक्रमित पाए गए थे, जबकि 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 186 हो गई है।
पंजाब सरकार की जागरूकता मुहिम
पंजाब सरकार एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कई बड़े कार्यक्रम चला रही है। राज्य के 5,000 स्कूलों में उच्च कक्षाओं के छात्रों को एड्स के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा, टीवी, सोशल मीडिया, सिनेमा और वेब पोर्टल्स के माध्यम से भी लोगों को एड्स के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पंजाब में एड्स के मामलों की बढ़ोतरी के बावजूद सरकार की इस मुहिम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस जागरूकता अभियान के बावजूद एड्स के मामले बढ़ रहे हैं।
एड्स के प्रति मिथकों को तोड़ना आवश्यक
पंजाब में लोग अब भी एड्स को लेकर कई मिथकों का शिकार हैं। अधिकांश लोग यह मानते हैं कि एड्स सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों से होता है, जबकि यह सुइयों के साझा उपयोग के कारण भी फैलता है। इस जागरूकता के तहत राज्य में 500 डि-अडिक्शन केंद्रों पर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ड्रग्स का सेवन करने वाले लोगों को नियमित रूप से HIV टेस्ट करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ ही, ब्लड डोनर्स का भी HIV टेस्ट किया जाता है ताकि एड्स के प्रसार को रोका जा सके।
प्रभावी अभियान और जांच सुविधाएं
पंजाब के पीजीआई सैटेलाइट सेंटर संगरूर की डिप्टी मेडिकल सुप्रिटेंडेंट, श्रुति शर्मा ने कहा कि राज्य में एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। 1 दिसंबर को एड्स पर जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाता है। इसके अलावा, हैपेटाइटिस डे के मौके पर भी एड्स के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है, क्योंकि एड्स मुख्य रूप से सुइयों के माध्यम से फैलता है। इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति हैपेटाइटिस से पीड़ित होता है, तो उसे HIV टेस्ट भी कराया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी कैंप लगाए जा रहे हैं
पंजाब में एड्स के प्रसार को रोकने के लिए विभाग की टीमें गांवों में जाकर विशेष कैंप भी लगाती हैं। इसके साथ ही, 115 केंद्रों पर नियमित रूप से एड्स टेस्ट किए जाते हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य एड्स के प्रसार को रोकना और लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है।
बच्चों को भी एड्स टेस्ट कराया जा रहा है
पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के अनुसार, अस्पताल में आने वाले नवजात बच्चों को भी HIV टेस्ट के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी बच्चे को एड्स का संक्रमण न हो, इस पहल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हालांकि पंजाब में एड्स के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है, लेकिन सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए कदमों से उम्मीद की जा रही है कि इस स्थिति में सुधार होगा। इस साल के वर्ल्ड एड्स डे पर किए गए जागरूकता अभियान से उम्मीद जताई जा रही है कि लोग सुइयों के साझा उपयोग के खतरे को समझेंगे और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएंगे। ड्रग्स के सेवन और सुइयों के गलत इस्तेमाल को लेकर सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है ताकि पंजाब में एड्स के मामलों को नियंत्रित किया जा सके।